BNSS की धारा:- 264. दोषी होने के अभिवाक् पर दोषसिद्धि.
यदि अभियुक्त दोषी होने का अभिवाक करता है तो मजिस्ट्रेट उस अभिवाक् को लेखबद्ध करेगा और उसके आधार पर उसे, स्वविवेकानुसार, दोषसिद्ध कर सकेगा।
BNSS की धारा:- 275. दोषी होने के अभिवाक् पर दोषसिद्धि.
यदि अभियुक्त दोषी होने का अभिवाक् करता है तो मजिस्ट्रेट अभियुक्त का अभिवाक् यथासम्भव उन्हीं शब्दों में लेखबद्ध करेगा जिनका अभियुक्त ने प्रयोग किया है और उसके आधार पर उसे, स्वविवेकानुसार, दोषसिद्ध कर सकेगा।
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह प्रारूप केवल सामान्य जानकारी प्रदान करता है. यह किसी भी तरह से योग्य अधिवक्ता राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने अधिवक्ता से परामर्श करें. भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है